
गाजीपुर :इन दिनों गाजीपुर के करंडा विकास खण्ड के आरी पहाड़पुर ग्राम में देश और प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के मकान बनाने की योजना तीव्र गति से चल रही है।उसी योजना के तहत उक्त ग्राम में अंशु देवी नाम से भी कई बार सत्यापन के बाद आवास सैक्सन हुआ लेकिन पात्र लाभार्थी को वर्षों से पक्के छत की आस को तब निराश हताश होना हो रहा जब गांव के ही कुछ व्यक्तियों द्वारा विद्वेष वश झूठी शिकायत जिला और विकास खण्ड स्तर पर किया गया।ग्राम पंचायत अधिकारी ने जांच की लाभार्थी को योग्य पाया गया।उसके बाद शिकायत कर्ताओं ने पुनः शिकायत की उसके उपरांत खण्ड विकास अधिकारी मौके पर जाकर जांच किए और पात्र पाया गया।फिर पुनः विद्वेष वश उन्ही व्यक्तियों द्वारा शिकायत की गई जिस पर खण्ड विकास अधिकारी द्वारा त्रिस्तरीय जांच कमेटी बनाई गई कमेटी ने भी उक्त लाभार्थी को आवास के योग्य पाया। उसके उपरांत भी आज तक आवास का पैसा लाभार्थी के खाते में नहीं गया।लाभार्थी प्रति कार्यदिवस पर विकास खण्ड के चक्कर काट रही लेकिन कोई अधिकारी कर्मचारी कोई स्पष्ट आश्वासन दे नहीं रहा की किस कारण लाभार्थी को आवास बनाने में विलम्ब किया जा रहा।न्यूज ब्यूरो को इस बात की जानकारी हुई तो इसकी जांच के लिए जब उक्त गांव में गई , तो गांव वालो से जानकारी हुई की शिकायत कर्ताओ और लाभार्थी के पति से मुकदमेबाजी पूर्व में और वर्तमान में भी चल रहा है,उसी विद्वेष वश बार बार लाभार्थी के विरुद्ध शिकायत किया जा रहा है।जब लाभार्थी से इसकी जानकारी ली गई तो मालूम हुआ की पारिवारिक बटवारे में उसको जो कच्चा मिट्टी का जर्जर मकान मिला है उसमे रहती है। प्रधान मंत्री आवास योजना में उसके दस्तावेज परीक्षण वर्तमान स्थिति देख बिलकुल पात्र है। दस्तावेज परीक्षण में उसके नाम उज्जवला योजना, अलग राशन कार्ड,कुटुंब रजिस्टर में परिवार अलग है।उसके नाम से कोई भूमि नही कोई वाहन न ही पक्का छत जो बिल्कुल पात्र है ।और गांव में जानकारी लेने पर मालूम हुआ की जो उसका देवर है वह नौकरी करता है और अपना मकान अलग बना रहा है उसका लाभार्थी से कोई संबंध सरोकार नहीं है।विपक्षी शिकायतकर्ता उसी को दिखा कर पात्र लाभार्थी को अपात्र बनाने के लिए झूठी शिकायत कर रहे हैं।ग्राम प्रधान से जानकारी लेने पर बताया गया की लाभार्थी परिवार से कई वर्षों से कच्चे मकान में अलग रहती है और उसकी आर्थिक स्थिति भी दयनीय है।इसकी जानकारी के लिए संबंधित खण्ड विकास अधिकारी और ग्राम पंचायत अधिकारी से संपर्क किया गया तो उनका मोबाइल नम्बर ही नहीं उठाया गया। पात्र को अपात्र जबरदस्ती का बनाये जाने का खेल किसी उच्चाधिकारी से प्रेरित है या विकास खण्ड के निचले सरकारी सेवकों की सरकार के योजनाओं का पलीता लगाते हुए स्पष्ट होने के बाद भी झूठी शिकायत को समझ कर भी त्वरित निर्णय न लेना सरकारी सेवकों की कार्य क्षमता की अक्षमता को दर्शाता है।

(देव प्रभात न्यूज ब्यूरो)